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17 Nov 2022 · 1 min read

मुक्तक – चंद पैसों की खातिर

चंद पैसों की खातिर बहक जाते हैं लोग
अपनों के बीच, पराये नजर आते हैं लोग

Language: Hindi
2 Likes · 153 Views
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