मुक्तक- कोई जवाब दो
मुक्तक- कोई जवाब दो
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कहता नहीं हूँ मैं कभी दिल की किताब दो
लेकिन ख़तों का आज तो कोई जवाब दो
मैंने तुझे आँखों की है पुतली में रख लिया
मर्जी तेरी काँटा दो या चाहें गुलाब दो
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 28/09/2019
मुक्तक- कोई जवाब दो
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कहता नहीं हूँ मैं कभी दिल की किताब दो
लेकिन ख़तों का आज तो कोई जवाब दो
मैंने तुझे आँखों की है पुतली में रख लिया
मर्जी तेरी काँटा दो या चाहें गुलाब दो
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 28/09/2019