“मुक्तक”- (आहिस्ता-आहिस्ता ही सही….)
“मुक्तक”- (आहिस्ता-आहिस्ता ही सही…)
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आहिस्ता-आहिस्ता ही सही बढ़ रहा हूॅं ।
कठिनाइयों का सामना भी कर रहा हूॅॅं ।
पर मुश्किलों से कभी घबराता नहीं मैं ,
तभी सफलता की सीढ़ियाॅं चढ़ रहा हूॅं ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 10-08-2021.
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