Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2017 · 1 min read

मुक्तक – आइसक्रीम

????
(1)
गर्मी है आई
तेज धूप लाई
ठंडी सी कुल्फी
बच्चों को भाई
(2)
????
आइसक्रीम होती बड़ी मजेदार
अलग-अलग रंग,रूप और आकार
कभी खाई है गुलाब आइसक्रीम
इसे इटली में किया गया तैयार
????
– वेधा सिंह

Language: Hindi
369 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
Paras Nath Jha
हकीकत जानते हैं
हकीकत जानते हैं
Surinder blackpen
मौन मंजिल मिली औ सफ़र मौन है ।
मौन मंजिल मिली औ सफ़र मौन है ।
Arvind trivedi
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
Ranjeet kumar patre
क्या है मोहब्बत??
क्या है मोहब्बत??
Skanda Joshi
रेशम की डोरी का
रेशम की डोरी का
Dr fauzia Naseem shad
आस्था और चुनौती
आस्था और चुनौती
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
छोड़ दूं क्या.....
छोड़ दूं क्या.....
Ravi Ghayal
बेवक़ूफ़
बेवक़ूफ़
Otteri Selvakumar
3200.*पूर्णिका*
3200.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Gairo ko sawarne me khuch aise
Gairo ko sawarne me khuch aise
Sakshi Tripathi
डर एवं डगर
डर एवं डगर
Astuti Kumari
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
DrLakshman Jha Parimal
ईश्वर ने तो औरतों के लिए कोई अलग से जहां बनाकर नहीं भेजा। उस
ईश्वर ने तो औरतों के लिए कोई अलग से जहां बनाकर नहीं भेजा। उस
Annu Gurjar
उगाएँ प्रेम की फसलें, बढ़ाएँ खूब फुलवारी।
उगाएँ प्रेम की फसलें, बढ़ाएँ खूब फुलवारी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सबनम की तरहा दिल पे तेरे छा ही जाऊंगा
सबनम की तरहा दिल पे तेरे छा ही जाऊंगा
Anand Sharma
भगतसिंह की क़लम
भगतसिंह की क़लम
Shekhar Chandra Mitra
You are not born
You are not born
Vandana maurya
ताजा भोजन जो मिला, समझो है वरदान (कुंडलिया)
ताजा भोजन जो मिला, समझो है वरदान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
🙅चुनावी पतझड़🙅
🙅चुनावी पतझड़🙅
*Author प्रणय प्रभात*
"वाह रे जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
’जूठन’ आत्मकथा फेम के हिंदी साहित्य के सबसे बड़े दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / MUSAFIR BAITHA
’जूठन’ आत्मकथा फेम के हिंदी साहित्य के सबसे बड़े दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
surenderpal vaidya
वो मेरे दिल के एहसास अब समझता नहीं है।
वो मेरे दिल के एहसास अब समझता नहीं है।
Faiza Tasleem
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
हिंदी दिवस - विषय - दवा
हिंदी दिवस - विषय - दवा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
💐 Prodigy Love-5💐
💐 Prodigy Love-5💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...