मुक्तक :– अदाकारी खरीदी जा नहीँ सकती ॥
मुक्तक :– अदाकारी खरीदी जा नहीँ सकती ॥
हकीकत है अदाकारी खरीदी जा नहीँ सकती ।
जो फैली दिल में हो अक्सर बिमारी जा नहीँ सकती ।
चढ़े जब ज्वर दिमाको में सलामत दिल नहीँ होते ;
वहां फ़िर प्यार की बातें उकेरी जा नहीँ सकती ॥
अनुज तिवारी “इन्दवार”