“मुक्तक”हम समझ नहीं पाए थे””
मुक्तक(१)
दिल में अरमान तो, बहुत सजाए थे।
प्रेम संदेशा लेकर ,पास तेरे ही आए थे।
क्यों कर ठुकरा दिया, तुमने हमको।
हम समझ नहीं पाए थे।।
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(२)
काश आप हमारे हो जाते।
चाहते जो सुख वही पाते।
सहृदयता बसती है दिल में हमारे,
कसम से कभी नहीं सताते।।
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(३)
तुम्हारे इंतजार में कितने पल गुजारे थे।
तुम ही अनुनय हमारी आंख के तारे थे।
चुन लिया तुमने अपना हमसफर,
रही होगी कोई कमी, तभी तो प्रीत में हारे थे।।
राजेश व्यास अनुनय