मुकम्मल।
पड़ा हूँ यूँ दुनियाँ की भाग दौड़ में…
जानें मेरा इश्क मुकम्मल होगा भी या नहीं।।
चाहतें तो हम भी बहुत है उसको…
पर पता ना हमें उसको पता है भी या नहीं।।
✍ताज मोहम्मद✍
पड़ा हूँ यूँ दुनियाँ की भाग दौड़ में…
जानें मेरा इश्क मुकम्मल होगा भी या नहीं।।
चाहतें तो हम भी बहुत है उसको…
पर पता ना हमें उसको पता है भी या नहीं।।
✍ताज मोहम्मद✍