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30 Jul 2022 · 1 min read

*मीरा (मुक्तक)*

मीरा (मुक्तक)
*************
किया विषपान फिर भी दिल निरंतर श्याम कहता है
तरल भावों की बहती धार में सुख-धाम कहता है
मौहब्बत कृष्ण से किसकी हुई है आज तक ज्यादा
किसी से पूछ लो हर कोई मीरा नाम कहता है
**************************
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 999 76154 51

Language: Hindi
166 Views
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