*मीरा (मुक्तक)*
मीरा (मुक्तक)
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किया विषपान फिर भी दिल निरंतर श्याम कहता है
तरल भावों की बहती धार में सुख-धाम कहता है
मौहब्बत कृष्ण से किसकी हुई है आज तक ज्यादा
किसी से पूछ लो हर कोई मीरा नाम कहता है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 999 76154 51