मीत मेरे मन के तू सुन तो जरा…
मीत मेरे मन के तू सुन तो जरा,
मुझे याद तेरी आती है,
नयनों में तेरी तस्वीर रहे,
मुझे नींद नहीं आती है
मीत मेरे मन के तू सुन तो जरा…
मीत मेरे मन के तू सुन तो जरा,
जब जब पुरवाई चलती है,
मिलने को मन अति विकल रहे,
सीने में अगन सी जलती है,
मीत मेरे मन के तू सुन तो जरा…
मीत मेरे मन के तू सुन तो जरा
दुनिया क्या क्या कहती है,
हर ओर लगा पहरा सा रहे,
तुझसे मिलने नहीं देती है,
मीत मेरे मन के तू सुन तो जरा …
मीत मेरे मन के तू सुन तो जरा,
मेरे मन में कसक सी उठती है,
चाहूँ मैं सदां तू साथ रहे,
तुझसे राहत मिलती है,
मीत मेरे मन के तू सुन तो जरा…
✍ -सुनील सुमन