मिसेज एक्स की दुविधा ( हास्य – व्यंग्य )
आजकल कोरोना के कारण हर शख्स दुविधा में है । घर से बाहर निकलें या न निकलें , लोगों से मिलें या न मिलें , मास्क पहनें या न पहनें । ऐसी ढेरों दुविधाएं मन में लिए आदमी जिए जा रहा है। लेकिन इन सबसे अलग ही है
मिसेज एक्स की दुविधा । जबसे सरकार ने कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों के बाद ऐसे लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी जिनकी उम्र पचास साल से ज्यादा है । अब यहीं से मिसेज एक्स की दुविधा शुरू होती है। पिछले कई सालों से अपने आप को पैंतालीस के आसपास रखने वाली मिसेज एक्स कैसे बताए कि वो भी वैक्सीन की हकदार है , वो भी पचास के पार पहुंच चुकी है । दो तीन साल में बमुश्किल एक साल जिसकी उम्र बढ़ी हो , अब अचानक कैसे पचास पार हो सकती है। बड़ी दुविधा की स्थिति है। पचास पार की बताती है तो आन बान शान सब दांव पर लग जाने वाले हैं और न बताए तो जान दांव पर लग जाने वाली है । बड़ी दुविधा में डाल दिया है इस कमबख्त कोरोना ने। पिछले कई महीनों से दुविधा में जी रही मिसेज एक्स नई दुविधा में पड़ गई है। पहले जितने दिन भी लाकडाउन में गुजारे , दुविधा में गुजारे ।
कपड़ों की भरपूर रेंज फिर भी पहन नहीं सके , गहने पहन नहीं सके , मेकअप कर नहीं सके। अब बिना साज श्रृंगार के कैसे रहते , और साज श्रृंगार किया भी तो बाहर कैसे जाते , किसे दिखाते । लाकडाउन । सब बंद ।
कौन देखता । बड़ी दुविधा में कटे वे दिन । सारे तीज त्यौहार निकल गए ।
दुविधा ही दुविधा में । मन के अरमान मन में ही लिए पूरा साल निकल गया।
अब ये नई दुविधा फिर मिसेज एक्स को परेशान कर रही है , उम्र की दुविधा
कैसे बताए कि वो भी वैक्सीन की हकदार है । पचास पार है । हाय रे कोरोना तेरा सत्यानाश हो ।
अशोक सोनी
भिलाई ।