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21 Apr 2024 · 1 min read

मिल रही है

तीरगी रोशनी से मिल रही है।
रोशनी तीरगी से मिल रही है।।

तुम्हें बाहों में लेकर सोचता हूँ।
ज़िन्दगी, ज़िन्दगी से मिल रही है।।

तुझको पाना तो इत्तेफाक नहीं ।
तू मेरी वन्दगी से मिल रही है।।

भटकते हैं जिसे पाने की खातिर,
वो इज़्ज़त सादगी से मिल रही है।।

मौत आए तो इस अदा से ‘विजय’।
तू मुझे जिस खुशी से मिल रही है।।

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