मिली है हार अपनों से
जिसे समझा कि अपना है,हुआ वो तो पराया है।
लिया था संग जिसको मैं,वही वर्षों फिराया है।
सरलता से भरा जीवन,सदा अविजित रहा हूँ मैं-
मिली है हार अपनों से,नहीं कोई हराया है।
जिसे समझा कि अपना है,हुआ वो तो पराया है।
लिया था संग जिसको मैं,वही वर्षों फिराया है।
सरलता से भरा जीवन,सदा अविजित रहा हूँ मैं-
मिली है हार अपनों से,नहीं कोई हराया है।