शमशान की राख देखकर मन में एक खयाल आया
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023 मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
There's nothing wrong with giving up on trying to find the a
57...Mut qaarib musamman mahzuuf
बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन
Nature ‘there’, Nurture ‘here'( HOMEMAKER)
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
प्रेम और भय क्या है दोनों में क्या अंतर है। रविकेश झा
गीत ग़ज़लों की साक्षी वो अट्टालिका।
हम हंसना भूल गए हैं (कविता)
जो मन से ही बेहद कमजोर होगा,
की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
रोज जमकर बरसात होती हैं मेरी शिकायतों की।
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*जेठ तपो तुम चाहे जितना, दो वृक्षों की छॉंव (गीत)*
बड़ी हसीन रात थी बड़े हसीन लोग थे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर