Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2023 · 1 min read

” मिलन की चाह “

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
===============
तुम्हारी याद आती है
कहूँ तो मैं कहूँ किसको
हृदय की वेदना को मैं
कहूँ तो मैं कहूँ किसको

निहारूँ राह मैं तेरी
रो रो दिन गुजरते हैं
कहूँ क्या हाल है मेरा
क्षितिज के तारे गिनते हैं

मेरी आँखें तरसती है
कहूँ तो मैं कहूँ किसको
हृदय की वेदना को मैं
कहूँ तो मैं कहूँ किसको

नयन से नीर बहते हैं
जुदाई सह नहीं सकती
जिगर में तीर लगते हैं
व्यथा को सह नहीं सकती

विरह की आग लगती है
कहूँ तो मैं कहूँ किसको
हृदय की वेदना को मैं
कहूँ तो मैं कहूँ किसको

चले आओ जहाँ हो तुम
तुम्हारी याद आती है
दूरियाँ अब नहीं भाये
मेरी आँखियाँ बुलाती है

मिलन की अब घड़ी आई
कहूँ तो मैं कहूँ किसको
हृदय की वेदना को मैं
कहूँ तो मैं कहूँ किसको !!
=====================
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
24.10.2023

Language: Hindi
Tag: गीत
194 Views

You may also like these posts

" उधार "
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सूरज की संवेदना
सूरज की संवेदना
Dr B.R.Gupta
वह फूल हूँ
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
बदनाम शराब
बदनाम शराब
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
Be happy with the little that you have, there are people wit
Be happy with the little that you have, there are people wit
पूर्वार्थ
अनजान दीवार
अनजान दीवार
Mahender Singh
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वंदना
वंदना
पंकज परिंदा
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
डॉ. दीपक बवेजा
इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
VINOD CHAUHAN
सच्ची कविता
सच्ची कविता
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बुद्ध होने का अर्थ
बुद्ध होने का अर्थ
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"चिन्ता"
Shakuntla Agarwal
भोर होने से पहले ...
भोर होने से पहले ...
sushil sarna
जग कल्याणी
जग कल्याणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कहने   वाले   कहने   से   डरते  हैं।
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नाम लिख तो लिया
नाम लिख तो लिया
SHAMA PARVEEN
उम्र गुजर जाती है
उम्र गुजर जाती है
Chitra Bisht
कब तक सहोगी?
कब तक सहोगी?
Shekhar Chandra Mitra
कान्हा जन्मोत्सव
कान्हा जन्मोत्सव
श्रीहर्ष आचार्य
कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार)
कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार)
पं अंजू पांडेय अश्रु
*घर में तो सोना भरा, मुझ पर गरीबी छा गई (हिंदी गजल)
*घर में तो सोना भरा, मुझ पर गरीबी छा गई (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
Nobility
Nobility
Sanjay Narayan
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय*
बंधी मुठ्ठी लाख की : शिक्षक विशेषांक
बंधी मुठ्ठी लाख की : शिक्षक विशेषांक
Dr.Pratibha Prakash
संस्कार में झुक जाऊं
संस्कार में झुक जाऊं
Ranjeet kumar patre
ग़र हो इजाजत
ग़र हो इजाजत
हिमांशु Kulshrestha
Loading...