मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
उससे छुपकर ही देखने में सुविधा होती है
मुलाक़ात करूं या बात करूं मैं समझ नहीं पाता हूं
मन करता है बैठे रहूं जब उसके पास बैठ जाता हूं
– केशव
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
उससे छुपकर ही देखने में सुविधा होती है
मुलाक़ात करूं या बात करूं मैं समझ नहीं पाता हूं
मन करता है बैठे रहूं जब उसके पास बैठ जाता हूं
– केशव