मित्र
सुख दुःख में साथ खड़ा,
देता तन मन से सहयोग।
जब कोई राह न दिखती,
मित्र बनाता सुखद संयोग।।
जिसके साथ हम भूल जाए,
घर परिवार की सब उलझन।
कुछ पल बच्चा बनकर खेले,
हंसी खुशी मित्रता के आंगन।।
मित्रता के बाग में खिलते,
हंसी खुशी के नव रंग।
जीवन राह हो जाती सुगम
जब मिले मित्रों का संग।।
कुछ समय चुराकर कीजिए,
तुम अपने मित्रों संग बात।
सच सच यह मान लीजिए,
खुशियों भरा होगा प्रभात।।
मित्र एक ऐसी औषधि है,
मन की उदासी हर लेवे।
जीवन के लम्बे सफ़र में,
उमंग उत्साह भर देवे।।
— जेपीएल