मित्रता
जिनके आने से भरे, मन में खूब उमंग।
हर पल देते साथ वो, छोड़े कभी न संग।।१
सूनेपन की राह में, दुःख हरती मशाल।
हर पल चाहे यही, मित्र रहें खुशहाल।।२
कृष्ण सुदामा की तरह,दुनिया रखें याद।
रखें मित्रता में सदा, मीठा सा संवाद।।३
मित्रता नहीं देखती, ऊंच नीच का भाव।
मित्रता सदा चाहती, प्रेम भरी इक छांव।।४
आओ मिलकर हम करें, मित्रों से संवाद
साथ रहे सुख दुःख में, कभी करें न विवाद।।५