“मित्रता मे व्यापारक छौंक “
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
===================
नवे -नवे हम दुनू फ्रेंड बनलहुं,ह्रदय बड्ड प्रसन्य भेल !कखनहुँ टाइम लाइन पर ,कखनहुँ,मैसेंजर पर पत्राचार भेल !!बढ़िया संयोग छल झा जी ,आ मिश्रा जी क जोड़ी खूब बनल !फेसबुक मे पुछु नहि कविता ,आ लेखनी आवाध गति सँ चलैत रहल !!कखनो वो लाइक केलाह ,हाहा ,लव आ केयर सेहो भेटल !किछु कमेंटो सटीक केलाह ,आभार स्नेह प्रेम अनुराग सेहो भेटल !!झारखंडक दृश्य हुनका,नीक लगैत छलनि !हमरा सँ भेंट करबाक लेल ,मन सदा अकुलाइत छलनि !!किछु दिनक बाद हुनक ,टेलीफ़ोन आयल !गप -सप खूब भेल ,अनुराग प्रेम शालीनता नीक लागल !!प्रेम सँ वो पुछि देलनि ,अप्पन किछु पोथी पठओने छथि !हम बहुत प्रसन्य भेलहुँ ,मिश्रा जी हमरा लेल कतेक सोचैत छथि !!किछु दिनक बाद पार्सल ल कय ,कोरियर वला आबि गेल !पैघ -पैघ सुन्दर पैकिंग हाथ मे राखि,अभिवादन करि चलि गेल !!मन प्रसन्य भेल चारि टाबे ,मिश्रा जी क उपहार हमरा भेटल !इ किताब नहि हमर अछि,सौगात हमरा भेटल !!मुदा जखन किताबक बीच मे ,भेटल एकटा पत्र पढ़लहुँ !मन कनि अघात भेल ,बिनु कहने ऐना किया केलहुँ !!”इ एकर मूल्य भेल ओना ,हमरा नहि मूल्य देब !अकाउंट नंबर द रहल छी,हुनकेँ आहाँ पठा देब “!!पाई त पठा देलयनि अकाउंट मे ,किताब पढ़बाक लायक नहि भेल !मित्रता भला कहु ऐना केना रहत ,जहन अनुरागआ प्रेम व्यापार भेल !!
================
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका