” मित्रताक स्तम्भ “
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
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“पहिने मित्रता कें परखल नहि जाइत छल “..एहन भ्रान्ति हमरा सब कें रखनाय न्यायोचित नहि भऽ सकैत अछि !… इ गप्प हम कहि सकैत छी जे कोनो मित्रक ‘अग्नि परीक्षा ‘नहि होइत छलनि !…… विद्यार्थीक श्रेणीक पद्दोनतिक लेल परीक्षा क आयोजन होइत छल !…. नीक विद्यार्थी लोकनि कें क्रमक अनुसारें यथोचित सेक्शन ..आ…. वर्ग शिक्षक भेटैत छलनि ! …परंच मित्रता मे कोनो परीक्षाक समावेश नहि छल !…. जखने हमरा लोकनि क जुटान होइत छल….विचारक आदान -प्रदान ,खेल -कूद ,होब्बी ,इंटरेस्ट आ एक्स्ट्रा कार्रिकुलर एक्टिविटीज इत्यादिक समानता सं स्वतः बुझना जाइत छल…. के हमर मित्र हेताह ..आ किनका सं विकेंद्रीकरणक आभास ..? सुखद मित्रताक आभास भेटैत छल ! इएह प्रक्रिया छल ..मित्रताक मूल्यांकन करऽ मे ………….आब युग बदलल ..मित्रताक परिभाषा सेहो बदलि गेल ! …. पहिने मित्र बनू ….जाँचनाइ..परखनाइ त बाद मे हैत ! इ प्रक्रिया कखनो -कखनो ह्रदय विदारक भऽ सकैत अछि ! किनको किनको फेसबुकक प्रोफाइल मे किछु नहि भेटत ! पहिने रिक्वेस्ट स्वीकार करू तखने विष्णु अवतारक दर्शन हैत !….विचारक असमानता ..हम पूरब छी… त…ओ …पच्छिम..!…कखनो कखनो त एहन लागत जे हम दुनु विभिन्य ग्रहक प्राणी थिकहूँ !…..काल्हि मित्र बनेलहूँ आ आइ मित्रक सूची सं हटबऽ पडल ! ……! उतरा चौरी क लेल हम मित्रताक बंधन मे किया बंधीं ? …हम इ कथमपि नहि कहब जे आहंक विचार धरा अनुपयुक्त अछि …सबगोटे अपन -अपन स्थान मे श्रेष्ठ छथि …मुदा मैत्री समान विचारधरा पर सदेव आधारित छल …..आधारित अछि …..आ …..युग युगांतर…… धरि आधारित रहत !
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डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत