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3 Mar 2024 · 1 min read

मिट्टी के परिधान सब,

मिट्टी के परिधान सब,
लगें अहं में चूर ।
जीते जी इस जीव का,
मिटता नहीं गुरूर ।।

सुशील सरना / 3-3-24

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