Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2023 · 1 min read

********मिट्टी की खुश्बू******

********मिट्टी की खुश्बू******
**************************

मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है,
याद आए तो पल पल रुलाती हैं।

छोड़ कर जब से मिट्टी अलग हुए,
अकेलेपन की अग्नि में सुलग गए,
धीरे धीरे धुंए से लपटें सुलगाती है।
मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है।

शहरी चकाचौंध का रंग चढ़ गया,
रिश्ता मिट्टी का मिट्टी से हट गया,
कुछ भी कहने से जुबां शर्माती है।
मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है।

पनघट पर पानी से भरी गागरिया,
आस पास टहलती भेड़ें बकरियां,
गौरी हया का घूंघट सरकाती है।
मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है।

वो किश्तियां चलाना बरसातों में,
मजा आता था यारों की बातों में,
बरगद की घनी छांव इठलाती है।
मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है।

याद आता है वो सा ऊंचा चबूतरा,
ऊंच नीच का पापड़ा चढ़ा उतरा,
दादी अम्मा मीठी चूरी खिलाती है।
मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है।

घर कच्चे दिल पक्के थे मनसीरत,
वहीं मक्का मदीना सभी थे तीरथ,
आंखों अश्रुगंगा झड़ी ब हाती हैं।
मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है।

मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है।
याद आए तो पल पल रुलाती है।
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 162 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुंदरता के मायने
सुंदरता के मायने
Surya Barman
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
"जियो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
"टूटने के लिए कुछ होना भी तो चाहिए। फिर चाहे वो आस हो, विश्व
*प्रणय*
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
कवि रमेशराज
वो क्या देंगे साथ है,
वो क्या देंगे साथ है,
sushil sarna
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
Sanjay ' शून्य'
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
हे गर्भवती !
हे गर्भवती !
Akash Yadav
रंग ही रंगमंच के किरदार होते हैं।
रंग ही रंगमंच के किरदार होते हैं।
Neeraj Agarwal
इनपे विश्वास मत कर तू
इनपे विश्वास मत कर तू
gurudeenverma198
रिश्ते समय रहते बचाएं
रिश्ते समय रहते बचाएं
Sonam Puneet Dubey
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
भारत में सबसे बड़ा व्यापार धर्म का है
भारत में सबसे बड़ा व्यापार धर्म का है
शेखर सिंह
* प्यार की बातें *
* प्यार की बातें *
surenderpal vaidya
हर मनुष्य के अंदर नेतृत्व की भावना होनी चाहिए।
हर मनुष्य के अंदर नेतृत्व की भावना होनी चाहिए।
Ajit Kumar "Karn"
बहुत दूर जा चुके बिछड़कर, कभी नहीं फिर आने को।
बहुत दूर जा चुके बिछड़कर, कभी नहीं फिर आने को।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
If I were the ocean,
If I were the ocean,
पूर्वार्थ
You are the sanctuary of my soul.
You are the sanctuary of my soul.
Manisha Manjari
हम बैठे हैं
हम बैठे हैं
हिमांशु Kulshrestha
**
**"कोई गिला नहीं "
Dr Mukesh 'Aseemit'
स्वागत बा श्री मान
स्वागत बा श्री मान
आकाश महेशपुरी
तुम - दीपक नीलपदम्
तुम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मुझमें गांव मौजूद है
मुझमें गांव मौजूद है
अरशद रसूल बदायूंनी
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
Shweta Soni
वह गांव की एक शाम
वह गांव की एक शाम
मधुसूदन गौतम
वृक्षों के उपकार....
वृक्षों के उपकार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
306.*पूर्णिका*
306.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
Loading...