Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2022 · 1 min read

*मिक्सी से सिलबट्टा हारा (बाल कविता)*

मिक्सी से सिलबट्टा हारा (बाल कविता)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
गुड़िया को ले मेला जाते
चक्की चूल्हा बेलन लाते
चकले पर थी रोटी बिलती
दो-दो रोटी सबको मिलती
मिट्टी की थी सभी रसोई
टूटी तो फिर गुड़िया रोई
— – – – – – – – – – – –
अब हैं खेल- खिलौने न्यारे
प्लास्टिक के दिखते हैं प्यारे
अब है गैस – सिलेंडर भारी
बिजली की चीजें हैं सारी
मिक्सी से सिलबट्टा हारा
गया पुराना युग बेचारा
●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिताता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

107 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

"सदाकत ए जहां"
ओसमणी साहू 'ओश'
सुखद गृहस्थी के लिए
सुखद गृहस्थी के लिए
Sonam Puneet Dubey
मसला
मसला
निकेश कुमार ठाकुर
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
प्यार है इक अहसास
प्यार है इक अहसास
Vibha Jain
शुभमाल छंद
शुभमाल छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुम बन जाना
तुम बन जाना
ललकार भारद्वाज
Pyaaar likhun ya  naam likhun,
Pyaaar likhun ya naam likhun,
Rishabh Mishra
*माॅं की चाहत*
*माॅं की चाहत*
Harminder Kaur
उमर भर की जुदाई
उमर भर की जुदाई
Shekhar Chandra Mitra
सच हार रहा है झूठ की लहर में
सच हार रहा है झूठ की लहर में
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
"पुकारता है चले आओ"
Dr. Kishan tandon kranti
*26 फरवरी 1943 का वैवाहिक निमंत्रण-पत्र: कन्या पक्ष :चंदौसी/
*26 फरवरी 1943 का वैवाहिक निमंत्रण-पत्र: कन्या पक्ष :चंदौसी/
Ravi Prakash
#एक युद्ध : भाषाप्रदूषण के विरुद्ध
#एक युद्ध : भाषाप्रदूषण के विरुद्ध
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
श्रीगणेशा!आमंत्रण मेरा स्वीकार करो
श्रीगणेशा!आमंत्रण मेरा स्वीकार करो
Sudhir srivastava
पेंशन पर कविता
पेंशन पर कविता
गुमनाम 'बाबा'
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
Jindagi Ke falsafe
Jindagi Ke falsafe
Dr Mukesh 'Aseemit'
जय श्री राम
जय श्री राम
Indu Singh
साथ बिताए कुछ लम्हे
साथ बिताए कुछ लम्हे
Chitra Bisht
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
262p.पूर्णिका
262p.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
होती क्या है काया?
होती क्या है काया?
Nilesh Premyogi
SP57 वृद्ध पिता को /सूरज का शहर/ विकराल ज्वाल /जाति धर्म संप्रदाय
SP57 वृद्ध पिता को /सूरज का शहर/ विकराल ज्वाल /जाति धर्म संप्रदाय
Manoj Shrivastava
सड़क जो हाइवे बन गया
सड़क जो हाइवे बन गया
आर एस आघात
..
..
*प्रणय*
मिला है जब से साथ तुम्हारा
मिला है जब से साथ तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
देखो आसमान जमीन पर मिल रहा है,
देखो आसमान जमीन पर मिल रहा है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...