मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
एक अनजाने मोड़ से घबरा गए वहां से भाग गए
भटक गए तो हार गए एक नए मार्ग पर आ गए
क्या मिला फिर नए मोड़ पर जो पा सकते थे मेहनत से
मेहनत से ही भाग गए सुकून उस पल का
खो गए वहीं क़दम उम्र भर का आराम
हार गए वहीं क़दम जीवन में संघर्षों को
नकारते गए हर क़दम क़दम पर
अनजाने में ही जीवन संघर्षों से भरते गए
उन रास्तों पर ही चलना जहां से लौटना आसान हो
भटकना नहीं वहां हो
_सोनम पुनीत दुबे