मायके से दुआ लीजिए
मायके से दुआ लीजिए
प्यार लीजिए,सम्मान लिजिए
भूल कर भी कभी,ना कर्ज लीजिए।
खो जाती है मीठास अपनेपन की
रह जाती है दिलों में धधकती ईर्ष्या
उस ईर्ष्या को मिटाने की
फिर लाख कोशिश कीजिए।
हरमिंदर कौर
मायके से दुआ लीजिए
प्यार लीजिए,सम्मान लिजिए
भूल कर भी कभी,ना कर्ज लीजिए।
खो जाती है मीठास अपनेपन की
रह जाती है दिलों में धधकती ईर्ष्या
उस ईर्ष्या को मिटाने की
फिर लाख कोशिश कीजिए।
हरमिंदर कौर