मायका
मायके की तो बात ही कुछ और होती है,
मनपसंद खाने की हर रोज यहां मेहक मिलती है।
झूले पे बैठे बैठे जहा चाय मिल जाती है,
और जिम्मेदारियों की जैसे छुट्टी होजाती है।
गर्मी की दिन में भी एक ठंडक सी मेहसूस होती है।
रातभर गप्पे,और सुबह देर तक सोने की यहां मजा ही आजाती है।
बहनों का प्यार , मां और भाभी लाड से घर सजाती है,
भाईयो के साथ वही पुरानी बाते दोहरी जाने पर भी हसी आती है।
दोस्तो को मिलके पुरानी यादें फिर से ताजा बन जाती है,
मायके में जाने की सोच से ही हर बेटी के चेहरे पे खुशी दिख जाती है।
मम्मी पापा के प्यार की खुशबू ,और अपनी पुरानी जिंदगी यहां दोहराती है,
मायके की तो बात ही कुछ और होती है।