मामीजी ।
मामीजी की सरलता का अद्भुत संसार,
सादगी में छिपा, जीवन का हर प्यार।
स्वच्छता की राह पर, वो सदा अग्रसर,
हरे-भरे पेड़ों से, सजाती जीवन का हर पल।
मामाजी के संग, जोड़ी बनी बेमिसाल,
हर मुश्किल में साथ, जैसे नदी का किनारा।
झगड़े से परे, बसी उनकी दुनिया,
समझ से सुलझे, हर कठिनाई का पहरा।
मुंह पर जो है, वही कह देती साफ़,
पीठ पीछे कुछ भी न कहने का भाव।
कम बोलतीं पर जब भी कहतीं,
मन में कोई छल न रखतीं।
जीवन जीने की उनकी कला निराली,
हर बात में आदर, हर कदम में सहारा।
चुप्पी में भी छिपा है, उनका अपनापन,
मन की गहराइयों में, नहीं कोई भार।
उनके संग बिताए साल, एक सीख का दौर,
जीवन की सरलता में छिपा, एक अनमोल मोल।
उनकी सादगी, उनकी सोच की गहराई,
दिल में बसी है, वो अनकही अच्छाई।
मामी जी की इस मूरत को, सलाम मेरा,
हर कदम पर, उनकी शिक्षा का ध्यान मेरा।
जीवन का हर मोड़, उनसे सीखकर चलें,
उनकी तरह, सादगी और समझ से सब सुलझाएं।