Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2022 · 1 min read

माना हम गरीब हैं।

माना हम गरीब है तो क्या हुआ साहब।
हमारे भी सीने के अंदर इक दिल धड़कता हैं।।

रहने को ना कोई भी आलीशां मकां है।
पर अपनी फर्श ये जमीं और छत आसमां है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
डॉक्टर रागिनी
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
क्यूं हो शामिल ,प्यासों मैं हम भी //
क्यूं हो शामिल ,प्यासों मैं हम भी //
गुप्तरत्न
परत
परत
शेखर सिंह
कदमों में बिखर जाए।
कदमों में बिखर जाए।
लक्ष्मी सिंह
मंजिल तक का संघर्ष
मंजिल तक का संघर्ष
Praveen Sain
अनुगामी
अनुगामी
Davina Amar Thakral
बिखरी छटा निराली होती जाती है,
बिखरी छटा निराली होती जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आया जो नूर हुस्न पे
आया जो नूर हुस्न पे
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
Neelofar Khan
When I was a child.........
When I was a child.........
Natasha Stephen
......... ढेरा.......
......... ढेरा.......
Naushaba Suriya
"शहीद वीर नारायण सिंह"
Dr. Kishan tandon kranti
नसीहत
नसीहत
Slok maurya "umang"
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
डॉ.सीमा अग्रवाल
पश्चाताप
पश्चाताप
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बिल्ली मौसी (बाल कविता)
बिल्ली मौसी (बाल कविता)
नाथ सोनांचली
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
2) भीड़
2) भीड़
पूनम झा 'प्रथमा'
कठिन समय आत्म विश्लेषण के लिए होता है,
कठिन समय आत्म विश्लेषण के लिए होता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
* पत्ते झड़ते जा रहे *
* पत्ते झड़ते जा रहे *
surenderpal vaidya
*पाते असली शांति वह ,जिनके मन संतोष (कुंडलिया)*
*पाते असली शांति वह ,जिनके मन संतोष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
■ आज का विचार
■ आज का विचार
*प्रणय प्रभात*
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
Keshav kishor Kumar
रंगोली
रंगोली
Neelam Sharma
जब होंगे हम जुदा तो
जब होंगे हम जुदा तो
gurudeenverma198
चन्द्रशेखर आज़ाद...
चन्द्रशेखर आज़ाद...
Kavita Chouhan
गज़ल (राखी)
गज़ल (राखी)
umesh mehra
Loading...