मानव में अब है नहीं, सच सुनने का भाव ।
मानव में अब है नहीं, सच सुनने का भाव ।
जो भी मीठा बोलता , उससे करे लगाव ।।
उससे करे लगाव , लोक परलोक नसाता ।
आत्म बोध की बात , चले तब वह सो जाता ।
नित्य नए पाखण्ड , कपट कर बनता दानव ।
मान स्वयं को पूर्ण , भूल नित करता मानव ।।
सतीश पाण्डेय