मानव जीवन का उद्देश्य
?जय जय श्रीराम?
मानव_जीवन_महान्_उद्देश्य_के_लिए_मिला_है।
मानव मोक्ष के लिए जन्म लेता है और मोक्ष ही मुख्य उद्देश्य है यह भी मानव जनता है लेकिन फिर भी अनजान बनकर संसार के भोग-विषय मे इतना डूबा रहता है कि इतना भी समय नही निकाल पाता कि अपने परम् उद्देश्य को प्राप्त कर सके। मानव बालक की तरह हमेशा प्रभु से संसार की वस्तुओं को मांग करता है जबकि हमारे महापुरुषों ने कहा है—-
किसी_ओर_से_क्या_मांगे_तुझसे_ही_मांगते_है
तुझसे_क्या मांगे_तुझी_को_मांगते_है।
ईश्वर से संसार की वस्तु मांगने की जरूरत नही है बल्कि अपने कर्म के द्वारा उसे प्राप्त करने की जरूरत है। यह संसार नश्वर है जो एक न एक दिन यही रह जाएगा….परम् पिता परमेश्वर ने इतना अच्छा शरीर दिए कि जा ओर अपने परम् लक्ष्य को प्राप्त कर समाज को सही दिशा की ओर ले जा लेकिन मानव क्या करता है? संसार मे आकर उसे जी सत्य समझ लेता है और जो करने आया था उसे भूल जाता है तब धरा पर एक पूर्णसद्गुरु का पदार्पण होता है जो मानव को मानव जीवन का उद्देश्य बताते है..जो मानव पुर्नसद्गुरु के शरण को प्राप्त करता है वो ही परम् लक्ष्य को प्राप्त करता है और जो मानव पुर्नसद्गुरु को प्राप्त नही करता है वो मुर्खानंद की तरह मानव मानव जीवन को व्यर्थ गवा देता है….इसलिए अगर मानव जीवन मिल है तो किसी ऐसे पुर्नसद्गुरु की शरण प्राप्त करें जो धार्मिक-ग्रथों के आधार पर हो तभी जीवन आनन्द हो पाएगा….
?? हर हर महादेव??