Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2019 · 2 min read

मानवीयता एवं मानवाधिकार

मानवीयता का तात्पर्य प्राणी के प्राणी मात्र से संवेदना की व्याख्या है ।
संवेदनशील व्यक्तित्व में संस्कार ,आचार विचार एवं वातावरण की भूमिका रहती है ।
यह एक ऐसी दैवीय प्रवृत्ति है जिसके होने से यह मानव को अन्य मानव से श्रेष्ठ बनाती है।
भौतिक संसार में स्वार्थ की तुष्टि हेतु आदिकाल से मानव संवेदनहीन होकर इस विशिष्ट गुण को खोता चला आया है ।जिसके परिणाम स्वरूप वह शोषण एवं अत्याचार रूपी दानवी गुणों से युक्त होता गया है।
जिसकी पराकाष्ठा में वह मानव अधिकारों का हनन करता आया है।
जिसके फलस्वरूप विश्व में द्वेष क्लेष और अनाचार की वृद्धि हुई है ।
और शक्ति संपन्न होने की होड़ में विभिन्न देश अपनी जनता के मूलभूत अधिकारों का हनन करते आए हैं।
इन देशों की सरकारें कुछ विशिष्ट शीर्षस्थ लोगों के निहित स्वार्थ हेतु जनता के हितों की अवहेलना करते हुए राजनैतिक शक्ति समपन्नता के लिये मानवाधिकारों की उपेक्षा कर रहीं हैं।
यद्यपि कुछ देश की सरकारें मानवाधिकार संरक्षण हेतु कानून बनाने एवं आयोग गठन का दावा करती हैं।
परन्तु वास्तविकता में उनकी भूमिका इस संदर्भ कितनी कारगर है यह सोचनीय है।
मानवाधिकार संरक्षण किसी जाति, वर्ग,धर्म एवं संप्रदाय विशेष तक सीमित न हो।
यह इन सब संभावों से निरापद होना चाहिये।जिसका लक्ष्य मानवता की रक्षा एवं प्रतिपादन होना चाहिये।
इस हेतु जनसाधारण में इस भावना के प्रसार एवं प्रचार हेतु प्रयत्न करने की आवश्यकता है।
जिसके लिये समय समय पर जनचर्चाओं का आयोजन एवं इसमे समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व होना चाहिये।
ताकि जनमानस में मानवता के प्रति चेतना एवं मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता उत्प्रेरित की जा सके।

Language: Hindi
Tag: लेख
182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

जिदंगी हर कदम एक नयी जंग है,
जिदंगी हर कदम एक नयी जंग है,
Sunil Maheshwari
23/210. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/210. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Nobility
Nobility
Sanjay Narayan
हमें लगा  कि वो, गए-गुजरे निकले
हमें लगा कि वो, गए-गुजरे निकले
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
माया
माया
pradeep nagarwal24
गम
गम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बसंत
बसंत
Indu Nandal
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं
कवि दीपक बवेजा
प्यासा पानी जानता,.
प्यासा पानी जानता,.
Vijay kumar Pandey
अमिट सत्य
अमिट सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
Phool gufran
बड़ी बेरंग है ज़िंदगी बड़ी सुनी सुनी है,
बड़ी बेरंग है ज़िंदगी बड़ी सुनी सुनी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
Rekha khichi
दिल का मौसम सादा है
दिल का मौसम सादा है
Shweta Soni
सबसे ऊंचा हिन्द देश का
सबसे ऊंचा हिन्द देश का
surenderpal vaidya
मेरा भी जिक्र कर दो न
मेरा भी जिक्र कर दो न
Kanchan verma
मुक्ति
मुक्ति
Shashi Mahajan
बढ़े चलो
बढ़े चलो
Sneha Singh
अभिनय
अभिनय
पूर्वार्थ
हौसला
हौसला
Shyam Sundar Subramanian
"सपने"
Dr. Kishan tandon kranti
कच्चे रंग समय के संग...!
कच्चे रंग समय के संग...!
*प्रणय*
सांस के बारे में
सांस के बारे में
Otteri Selvakumar
हमेशा के लिए कुछ भी नहीं है
हमेशा के लिए कुछ भी नहीं है
Adha Deshwal
एक महिला से तीन तरह के संबंध रखे जाते है - रिश्तेदार, खुद के
एक महिला से तीन तरह के संबंध रखे जाते है - रिश्तेदार, खुद के
Rj Anand Prajapati
*आगे आनी चाहिऍं, सब भाषाऍं आज (कुंडलिया)*
*आगे आनी चाहिऍं, सब भाषाऍं आज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
समय की प्यारे बात निराली ।
समय की प्यारे बात निराली ।
Karuna Goswami
ज़िन्दगी अपनी
ज़िन्दगी अपनी
Dr fauzia Naseem shad
स्वतंत्रता और सीमाएँ - भाग 04 Desert Fellow Rakesh Yadav
स्वतंत्रता और सीमाएँ - भाग 04 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
विषधर
विषधर
आनन्द मिश्र
Loading...