मानवता है धर्म सत,रखें सभी हम ध्यान। मानवता है धर्म सत,रखें सभी हम ध्यान। प्रेम भाव रहकर सदा,पालित करें विधान।। ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम