मानवता का सन्देश
मानवता का सन्देश
घर में धन धान्य हो, शरीर पर परिधान हो
वातावरण हो भयमुक्त, मन-मस्तिष्क सुजान हो|
देशहित का काम हो, न यहाँ कोई नाकाम हो
जिधर चल पड़े कारवां, उधर सुबह-शाम हो.|
अपनों का हाथ मिले, शुभेक्षु का साथ हो
घर में हो अमन चैन, ज्यादा न बकवास हो।
सभी का सम्मान हो, किसी का न नुकसान हो
सभी चलें सभी बढ़ें, हर दिल का फरमान हो |
विहग न निराश हो, गृह में लक्ष्मी का वास हो
उन्मुक्त हो धरा गगन, दिल में आत्मविश्वास हो।
हर कोई विशेष हो, नहीं किसी से क्लेश हो
आपस में हो भाईचारा, मानवता का संदेश हो|