मानक सफलता के कब तक बनोगे
मानक सफलता के, कब तक बनोगे।
नाम ले विफलता का,कब तक डरोगे।
चरण चूम लेगी, सफलता तुम्हारी,
संकल्पों का निश्चय जब तुम करोगे।
कदम तुम बढा कर ,न पीछे हटाना।
साहस से बढ कर,न सिर को झुकाना।
जन्म जो लिया है , कुछ करके रहेंगे,
अमिट लेख लिख कर ,कभी न मिटाना।
सफल हम रहे हैं ,सफल हम रहेंगे।
संकल्पना हम सच करके रहेंगे।
दृढ़ निश्चय हमारा, कभी न डिगेगा,
कभी न झुके हैं, कभी न झुकेंगे।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम