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24 Jun 2021 · 1 min read

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मेरी हर रचना को हरेक ऊंचाई मिल जाये।
मन की मुरझाई सारी कलियां खिल जायें।।
ख्वाहिश नही है मुझे बहुत कुछ पाने की।
कुछ एक अपनों का बस आशीष मिल जाये।।

वीर कुमार जैन
24 जून 2021

Language: Hindi
250 Views
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