मात गे हे डोकरा…
चिन्हारी घलो नइहे, कोन बहरिहा कोन पखरिहा ।
भुइँया संग मात गेहे , नांगर – नगरिहा ।।
चिलम गुड़गुड़ावत हे, खुमरी ह गावत हे ।
गावत हे झिंगुरा, मेचका तबला बजावत हे ।।
त चाली म बूड़े हें, डबरा अऊ भोरका ।
मोटियारी के संगे -संग , मात गे हे डोकरा ।।