माता रानी का भजन अरविंद भारद्वाज
भजन-चिंतपूर्णी दुर्गा मैया
दूर करो सब कष्ट मेरे मैं,दर पर तेरे आया।
माता रानी मैंने तुमको, दिल से आज बुलाया।।
भक्त तेरे दर जो भी आता, खाली हाथ न जाता
सुना है माता कर्मो का फल, भक्त सदा ही पाता।
चुनरी बांध के माता मैंने, भोग भी तुम्हें खिलाया।।
माता रानी मैंने तुमको, दिल से आज बुलाया।।
झूम झूम कर नाच-नाच कर, भजन तेरा सब गाते
मुक्ति का मार्ग मिल जाता, दर पर तेरे जो आते
शुम्भ-निशुम्भ और महासुर को, तुमने मार गिराया
माता रानी मैंने तुमको, दिल से आज बुलाया।।
चिंतपूर्णी दुर्गा मैया, मातंगी तू काली
कालरात्री तू है माता, तू ही जोतावाली
जननी जगत की है तू मैया, तुम से जगत है आया
माता रानी मैंने तुमको, दिल से आज बुलाया।।
भक्त जनों की पीड़ा हरने, धरा तू मैया आई
दूर हुई तेरे भक्त की पीड़ा, विपदा जिस पर छाई
हाथ जोड़ मेरी मैया मैंने,
भजन एक ही गाया
माता रानी मैंने तुमको, दिल से आज बुलाया।।
अरविंद भारद्वाज