माता ने…
माता के श्री चरणों में समर्पित…
(कुंडलिया छंद)
माता ने सबको दिया, अपना नेह दुलार।
आँखों में बसता रहा, उनके नित परिवार।।
उनके नित परिवार, बनाया जो फुलवारी।
खिले हुए हैं फूल, बनी उससे जो क्यारी।।
वंदन कर्म सुवास, रोम हो पुलकित गाता।
‘राही’ कोटि प्रणाम, चरण में अर्पित माता।।
डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)