Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2022 · 4 min read

माता दुर्गा करें आपकी सुरक्षा

माता जगदंबा करें आपका कल्याण
माता दुर्गा करें आपकी सुरक्षा
मां अन्नपूर्णा भरें घर का भंडार
माता सरस्वती करें ज्ञान का संचार
इसी कामना के साथ
आपको नवरात्रि की शुभकामनाएं।
चैत्र नवरात्रि 2022 में नौ देवियों को लगाएं इन खास व्यंजनों का भोग
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि का पर्व शुरू होता है. इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू होंगे. चैत्र नवरात्रि के नौ दिन में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा को उनकी पसंद का भोग लगाने से माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. पूजा के दौरान देवी मां को हर एक दिन अलग-अलग चीजों का भोग लगाने से मां बहुत जल्द प्रसन्न होकर भक्तों की सारी मनोकामना पूरी कर देती हैं. इसके साथ ही बीमारियों से मुक्ति दिलाती हैं और आर्थिक समस्याओं को दूर करती हैं. तो, चलिए जानते हैं कि मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के नौ दिन मां के किस स्वरूप को कौन-सा भोग लगाना चाहिए.
पहले दिन मां शैलपुत्री को लगाएं भोग
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. कहा जाता है इस दिन मां को गाय के घी का भोग लगाने से व्यक्ति को रोग और संकट से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही आप निरोगी रहते हैं.
दूसरे दिन – मां ब्रह्मचारिणी
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाएं. उसके बाद घर के सभी सदस्यों को प्रसाद दें. इससे सभी को लंबी आयु का वरदान मिलता है. न‍वरात्रि में अंकों के अनुसार ये फल खाने से सेहत भी चमकने लगती है.
तीसरे दिन – मां चंद्रघंटा
चैत्र नवरात्रि का तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है और उन्हीं की पूजा की जाती है. इस दिन देवी मां को दूध या दूध से बनी चीजें अर्पित करनी चाहिए. इस दिन मां को दूध या मावे से बनी मिठाई का भोग लगाने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर ब्राह्मणों को दान दें, इससे आपके दुख दूर होगें और आपको आनंद की प्राप्ति होगी.
चौथे दिन – मां कूष्माण्डा
चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन माता के चौथे स्वरूप यानि इस दिन देवी कुष्मांडा की पूजा होती है।. इनकी उपासना करने से आपको मुश्किल से मुश्किल रोगों से मुक्ति मिलती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन माता को मालपुए का भोग लगाएं. क्योंकि मां कूष्मांडा को मालपुए बेहद पसंद होते है. इसलिए, इस दिन मालपुए का भोग लगाना चाहिए. इस भोग को अर्पित करने और दूसरों को खिलाने से बुद्धि तेज होती है. पांचवा दिन – मां स्कंदमाता
देवी स्कंदमाता को केले का भोग लगाने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और लोगों को उसके कार्यक्षेत्र में सफलता मिलने के साथ उसके शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं.
छठे दिन – मां कात्यायनी
मां कात्यायनी को मीठे पान का भोग लगाकर आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है. मां को मीठा पान का भोग लगाकर साधक सौंदर्य का वरदान पा सकता है. इसके अलावा घर में सदैव सकारात्मक माहौल बना रहता है.
सांतवा दिन – मां कालरात्रि
नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि देवी को गुड़ या गुड़ से बनी चीज़ों का भोग लगाने से व्यक्ति हर तरह के रोगों से बचा रहता है.
आठवा दिन – देवी महागौरी
नवरात्रि का आठवां दिन महागौरी की उपासना का दिन है. इस दिन मां को नारियल का भोग लगाकर मन की हर इच्छा पूरी होती है और लोग आर्थिक परेशानियों से बचे रहते हैं.
नौवा दिन – मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री का होता है. इस दिन मां को अलग-अलग तरह के अनाज का भोग लगाएं जैसे – हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें. ऐसा करने से जीवन में हर तरह से सुख-शांति बनी रहती है. यदि आप नौ दिन का व्रत रख रहे हैं तो खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। खाने में कुट्टू का आटा, समक के चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना की खिचड़ी और सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन कोशिश करना चाहिए कि सेंधा नमक का सेवन भी एक ही बार किया जाए।
हमारी चेतना के अंदर सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण- तीनों प्रकार के गुण व्याप्त हैं। प्रकृति के साथ इसी चेतना के उत्सव को नवरात्रि कहते है। इन 9 दिनों में पहले तीन दिन तमोगुणी प्रकृति की आराधना करते हैं, दूसरे तीन दिन रजोगुणी और आखरी तीन दिन सतोगुणी प्रकृति की आराधना का महत्व है ।

माँ की आराधना
दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती ये तीन रूप में माँ की आराधना करते है| माँ सिर्फ आसमान में कहीं स्थित नही हैं, ऐसा कहा जाता है कि

“या देवी सर्वभुतेषु चेतनेत्यभिधीयते” – “सभी जीव जंतुओं में चेतना के रूप में ही माँ / देवी तुम स्थित हो”

नवरात्रि माँ के अलग अलग रूपों को निहारने और उत्सव मानाने का त्यौहार है। जैसे कोई शिशु अपनी माँ के गर्भ में 9 महीने रहता हे, वैसे ही हम अपने आप में परा प्रकृति में रहकर – ध्यान में मग्न होने का इन 9 दिन का महत्व है। वहाँ से फिर बाहर निकलते है तो सृजनात्मकता का प्रस्सपुरण जीवन में आने लगता है।
दीपाली कालरा
नई दिल्ली

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 180 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिन बोले ही हो गई, मन  से  मन  की  बात ।
बिन बोले ही हो गई, मन से मन की बात ।
sushil sarna
हुस्न और खूबसूरती से भरे हुए बाजार मिलेंगे
हुस्न और खूबसूरती से भरे हुए बाजार मिलेंगे
शेखर सिंह
बिरसा मुंडा
बिरसा मुंडा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Chaahat
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
रावण जलाने का इरादा लेकर निकला था कल
रावण जलाने का इरादा लेकर निकला था कल
Ranjeet kumar patre
जबसे उनको रकीब माना है।
जबसे उनको रकीब माना है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
What if...
What if...
R. H. SRIDEVI
*
*"संकटमोचन"*
Shashi kala vyas
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
gurudeenverma198
3444🌷 *पूर्णिका* 🌷
3444🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी है,
ज़िंदगी है,
पूर्वार्थ
"अल्फाज दिल के "
Yogendra Chaturwedi
कातिल
कातिल
Dr. Kishan tandon kranti
ना तो कला को सम्मान ,
ना तो कला को सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अगर आज मेरे पास भी शोहरत और पैसा होता तो हम भी आज हर किसी की
अगर आज मेरे पास भी शोहरत और पैसा होता तो हम भी आज हर किसी की
Rj Anand Prajapati
आ..भी जाओ मानसून,
आ..भी जाओ मानसून,
goutam shaw
संसार
संसार
Dr. Shakreen Sageer
நீ இல்லை
நீ இல்லை
Otteri Selvakumar
*पृथ्वी दिवस*
*पृथ्वी दिवस*
Madhu Shah
🙅आज का विज्ञापन🙅
🙅आज का विज्ञापन🙅
*प्रणय प्रभात*
बात पते की कहती नानी।
बात पते की कहती नानी।
Vedha Singh
सोलह श्राद्ध
सोलह श्राद्ध
Kavita Chouhan
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr. Rajeev Jain
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
Pramila sultan
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
Rituraj shivem verma
*क्या हाल-चाल हैं ? (हास्य व्यंग्य)*
*क्या हाल-चाल हैं ? (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
जीनी है अगर जिन्दगी
जीनी है अगर जिन्दगी
Mangilal 713
Loading...