Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2020 · 1 min read

मातम का त्योहार नहीं करते।

ये सच है कि हमें मोहब्बत नहीं आती पर नफरत का व्यापार नहीं करते।
महसूस होती है तकलीफ़ दर्द की किसी के मातम का त्योहार नहीं करते।
-शशि “मंजुलाहृदय”

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 1 Comment · 219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम्हारी कहानी
तुम्हारी कहानी
PRATIK JANGID
मैं घमंडी नहीं हूँ
मैं घमंडी नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
चार कदम चोर से 14 कदम लतखोर से
चार कदम चोर से 14 कदम लतखोर से
शेखर सिंह
मेरे सवालों का
मेरे सवालों का
Dr fauzia Naseem shad
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
What Is Love?
What Is Love?
Vedha Singh
महाकाव्य 'वीर-गाथा' का प्रथम खंड— 'पृष्ठभूमि'
महाकाव्य 'वीर-गाथा' का प्रथम खंड— 'पृष्ठभूमि'
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
जिस कार्य में मन लगे वही कार्य जीवन सफ़ल करे
जिस कार्य में मन लगे वही कार्य जीवन सफ़ल करे
Sonam Puneet Dubey
संकल्प
संकल्प
Davina Amar Thakral
अवध में राम
अवध में राम
Anamika Tiwari 'annpurna '
दूसरों के हितों को मारकर, कुछ अच्छा बनने  में कामयाब जरूर हो
दूसरों के हितों को मारकर, कुछ अच्छा बनने में कामयाब जरूर हो
Umender kumar
वो दिन दूर नहीं जब दिवारों पर लिखा होगा...
वो दिन दूर नहीं जब दिवारों पर लिखा होगा...
Ranjeet kumar patre
" जिन्दगी "
Dr. Kishan tandon kranti
बेटी
बेटी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
Phool gufran
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
Neelam Sharma
*बेसहारा बचपन*
*बेसहारा बचपन*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सितारे  अभी  जगमगाने  लगे।
सितारे अभी जगमगाने लगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
*जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
यह जो आँखों में दिख रहा है
यह जो आँखों में दिख रहा है
कवि दीपक बवेजा
मोहब्बत का पैगाम
मोहब्बत का पैगाम
Ritu Asooja
4583.*पूर्णिका*
4583.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किस्सा कुर्सी का - राज करने का
किस्सा कुर्सी का - राज करने का "राज"
Atul "Krishn"
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
फूल
फूल
Punam Pande
*माटी कहे कुम्हार से*
*माटी कहे कुम्हार से*
Harminder Kaur
खुशी तो आज भी गांव के पुराने घरों में ही मिलती है 🏡
खुशी तो आज भी गांव के पुराने घरों में ही मिलती है 🏡
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है
सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है
पूर्वार्थ
शब्द लौटकर आते हैं,,,,
शब्द लौटकर आते हैं,,,,
Shweta Soni
अन्तर्मन में अंत का,
अन्तर्मन में अंत का,
sushil sarna
Loading...