मा’ज़ूर
मैं उस की गली से गुजरी आंखों से मा’ज़ूर हो गई
पलकों को धोया नमक से और फिर बेनूर हो गई
~ सिद्धार्थ
ऐब ही देखोगे क्या? कोई खूबी भी तो ढूंढ़ निकलो
वक़्त ने मा’ज़ूर किया है चलो तुम अपने चश्म दिखा लो
~ पुर्दिल सिद्धार्थ
मैं उस की गली से गुजरी आंखों से मा’ज़ूर हो गई
पलकों को धोया नमक से और फिर बेनूर हो गई
~ सिद्धार्थ
ऐब ही देखोगे क्या? कोई खूबी भी तो ढूंढ़ निकलो
वक़्त ने मा’ज़ूर किया है चलो तुम अपने चश्म दिखा लो
~ पुर्दिल सिद्धार्थ