माई
पाती भेजववले बानी भउजी मोर रोवतानी ,
लिखतानी परसों से बाबू जी ना सुतल बानी ,
सांस फुलताटे नइखे माई के दवाई बा ।
कइसे कहीं बबुआ बेमार मोर माई बा ।।
नइखे अब किसानी में कमाई कचरकुट बा ,
लागता की हमनी बीचे डालत केहू फुट बा ,
भइया के समइया बिगरल राम लेखा भाई बा ।
कइसे कहीं बबुआ बेमार मोर माई बा ।।
दु दु गो भतीजा चहकें अंगना दुआर पे ,
कहे न सों चाचा अइहें अबकी त्योहार पे ,
होखे वाला बाटे छोटकी बहिन के बिदाई बा ।
कइसे कहीं बबुआ बेमार मोर माई बा ।।
जी ना पाइब ताना मारी लोगवा जहान हो ,
माई ना बस माई होलीं होलीं भगवान हो ,
उनकर रहल हमहन खातिर दुआ आ दवाई बा ।
कइसे कहीं बबुआ बेमार मोर माई बा ।
✍️ धीरेन्द्र पांचाल