माई
धरती पर केहू आई ना ,
ई दर्द केहू से सहाई ना,
माई के खून से पैदा सभे,
भगवान हवे ऊ माई ना, …
धरती से बड़हन माई ह,
आ हम चाँद सितारा माई क,
अंखिया खोलनी जब दुनिया में,
देखनी चेहरा हम माई क।
केहू बोले के सिखलाई ना,
केहू अंगूरी पकड़ि चलवाई ना,
माई के करजा भराई ना,
गरभे में केहू जियाई ना।
धरती पर केहू ……..1
तोहरे ही दम से काटी लां,
दुनिया के हर दुखवा माई,
आ ममता मिश्री तूँ बाटें लू ,
मिल जाला सब सुखवा माई,
आ भिनसारे केहू जगाई ना,
आ पापा मरिहें त बचाई ना ,
हम भुखले रहीं त खाई ना,
केहू माई बिना रही पाई ना
धरती पर केहू ……2
घरवा में जब बखरा लागल,
खेतवा में धुरी अढाई मिलल,
माई के रहनी ओरन्ता हम,
त हमरा भागि में माई मिलल,
तोरे अँचरा से बढिके रजाई ना,
तोरे ममता अस अंगनाई ना,
गुनवा गीतिया मे समाई ना,
बिना माई केहु उजियाई ना।।
धरती पर केहू …..3
©️सुजीत पाण्डेय
ग्रा.,पो.-खेसिया,ज़िला-कुशीनगर
मो. 9696904088