Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2017 · 1 min read

मां मुझको भी प्यार करो

मां
किसी बेटी ने न कहा होगा
जो आज मैं कहती हूं
क्यों सब बच्चों में
सबसे ज्यादा उपेक्षित
मैं रहती हूं ।
माना मैं थी सबसे बडी
तो समझदारी की
सौगात मिली
लेकिन मेरे हिस्से का
बचपन तो मुझको
दे देतीं मां,
जब मुझे गोद से
उतारकर तुम
बहना को गोदी लेती थीं,
तब एक हाथ से पकड मुझे
ममता अपनी
दे देती मां।
जब लडाई होती
हम बच्चों में
तब मुझे ही क्यूं
समझदारी का सबक
तुमने सिखाया मां
क्यूं मैं भी जिद कर सकती हूं
ये मुझको नही
बताया मां।
क्यूं छोटे हमेशा
छोटे रहे
और मुझे बचपन से बडा
बनाया मां,
क्यूं सबको हार पर
भी डांटा न तुमने
और मेरी जीत पर भी
मुझे नहीं गले लगाया मां।
देखो आज भी तुम्हारी
ये बच्ची
तुम्हारे प्यार के लिए
रोती है मां
घर के किसी अकेले कोने में
आंचल अपना भिगोती है मां,
मां तुम्हारा प्यार तो
सबने देखा
अपनी बच्ची का प्यार
क्या देख पाओगी तुम,
क्या पोंछोगी आंसू मेरे
क्या मुझे कभी
गले लगाओगी मां।

Language: Hindi
1 Like · 503 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
हिमांशु Kulshrestha
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
gurudeenverma198
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
G
G
*प्रणय*
*लो कर में नवनीत (हास्य कुंडलिया)*
*लो कर में नवनीत (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बाली उमर की शोखियाँ,
बाली उमर की शोखियाँ,
sushil sarna
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Omee Bhargava
पर्वत के जैसी हो गई है पीर  आदमी की
पर्वत के जैसी हो गई है पीर आदमी की
Manju sagar
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
Ashok deep
जीवन एक संघर्ष ही तो है
जीवन एक संघर्ष ही तो है
Ajit Kumar "Karn"
जो कण कण में हर क्षण मौजूद रहता है उसे कृष्ण कहते है,जो रमा
जो कण कण में हर क्षण मौजूद रहता है उसे कृष्ण कहते है,जो रमा
Rj Anand Prajapati
पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है,
पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है,
Kalamkash
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
शेखर सिंह
खालीपन
खालीपन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जहां प्रेम है वहां आनंदित हुआ जा सकता है, लेकिन जहां मोह है
जहां प्रेम है वहां आनंदित हुआ जा सकता है, लेकिन जहां मोह है
Ravikesh Jha
*गाथा बिहार की*
*गाथा बिहार की*
Mukta Rashmi
'अहसास' आज कहते हैं
'अहसास' आज कहते हैं
Meera Thakur
जो तुम्हारे भीतर,
जो तुम्हारे भीतर,
लक्ष्मी सिंह
जरूरत पड़ने पर बहाना और बुरे वक्त में ताना,
जरूरत पड़ने पर बहाना और बुरे वक्त में ताना,
Ranjeet kumar patre
झूठ
झूठ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मालपुआ
मालपुआ
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
पश्चिम का सूरज
पश्चिम का सूरज
डॉ० रोहित कौशिक
3420⚘ *पूर्णिका* ⚘
3420⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
भोर का दृश्य
भोर का दृश्य
surenderpal vaidya
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
Neerja Sharma
....नया मोड़
....नया मोड़
Naushaba Suriya
शब की ख़ामोशी ने बयां कर दिया है बहुत,
शब की ख़ामोशी ने बयां कर दिया है बहुत,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
कवि रमेशराज
Loading...