मां “शारदे”वरदान दे
तुझ में है सार, तुझसे रचा संसार।
छाया ज्ञान का उजाला, मिट गया अंधकार।।
मां दुर करो अघयान, दे दो मां सत ज्ञान।
मां ज्ञान दे, वरदान दे।
हाथ में वीणा, श्वेत कमल पर विराजे।
ज्ञान की हो देवी, मुकुट सर पर साजे।।
मां ज्ञान दे वरदान दे
संतों की वाणी तुमसे, वक्ता जुबानी तुमसे।
कृष्ण लीला तुमसे, राम की मर्यादा तुमसे।।
तेरे भंडार से मां मुझे दान दे
मां ज्ञान दे वरदान दे
वेद मे भी तुम,पुराणो मे तुम।
गीत में भी तुम, संगीत में भी तुम।।
मेरे गीत को मैया संमान दे
मां ज्ञान दे वरदान दे