“मां बाप के जज्बात”
मां बाप के जज्बात ,से खेलते है।
भाई बहन के प्यार ,से खेलते है।
वो इंसान किस लायक है।
जो अपने ही परिवार से खेलते है।
मां बाप के जज्बात ,से खेलते है।
भाई बहन के प्यार ,से खेलते है।
वो इंसान किस लायक है।
जो अपने ही परिवार से खेलते है।