माँ
कितने सारे रंग हैं , देखो माँ के पास
तभी करे परिवार को, रँग भरा केनवास
रँग भरा केनवास, सजाती है ये घर घर
देती प्यार दुलार, लुटाती ममता सब पर
रखती त्याग प्रधान, काम करती है जितने
माँ होती भगवान, रूप धर लेती कितने
डॉ अर्चना गुप्ता
कितने सारे रंग हैं , देखो माँ के पास
तभी करे परिवार को, रँग भरा केनवास
रँग भरा केनवास, सजाती है ये घर घर
देती प्यार दुलार, लुटाती ममता सब पर
रखती त्याग प्रधान, काम करती है जितने
माँ होती भगवान, रूप धर लेती कितने
डॉ अर्चना गुप्ता