माँ
पल में आह्लादित होती है , पल हुई विकल है माँ
बिटिया कहती है इस घर में, सबसे बड़ी ‘पज़ल’ है माँ
बाक़ी रिश्तों का तो, ‘मिनरल वॉटर’ सा ‘पेमेंट’ किया
बिना मूल्य के मिला अमोलक, पावन गंगाजल है माँ.
*
राजेन्द्र गट्टानी, भोपाल
पल में आह्लादित होती है , पल हुई विकल है माँ
बिटिया कहती है इस घर में, सबसे बड़ी ‘पज़ल’ है माँ
बाक़ी रिश्तों का तो, ‘मिनरल वॉटर’ सा ‘पेमेंट’ किया
बिना मूल्य के मिला अमोलक, पावन गंगाजल है माँ.
*
राजेन्द्र गट्टानी, भोपाल