माँ सिद्धिदात्री
नवम दिवस को पूजते, अंतिम माँ का रूप।
सिद्धीदात्री सुमात हैं, अद्भुत और अनूप ।।
अद्भुत और अनूप, अलौकिक हैं माँ अम्बे ।
अस्त्र शस्त्र ले हाथ, हरें भय को जगदम्बे ।
नवदुर्गा,नवज्योति, दूर करतीं जग का तम ।
पावन है नवरात्रि, झूमते दिवस नवम हम।।
वन्दना नामदेव