103. माँ शारदे
माँ शारदे, माँ शारदे
मेरी विनती सुन ले तू, उसे पूरा कर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
ओ मैया मेरी,
कब से है झोली खाली तू, उसे भर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
ऐ माते बुद्धि और विद्या,
मुझमें तू भर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
ओ मैया मेरी,
कोशिश करूँ मैं इतना, नाम तेरा लूँ ।
सच के सिवाय मैया, झूठ ना कहूँ ।।
मैया तेरे नाम की है शक्ति,
मुझको है तेरी भक्ति ।
तू भूल न जाना माता, मुझपे कृपा कर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
ओ मैया तू,
दुर्गुण मिटाकर मुझमें, सद्गुण भर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
मेरे जीवन में माता,
तू उत्साह और रौनक ला दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
ओ मैया, परिवारों के चेहरे से,
गम सारे मिटाकर, उसमें खुशियाँ भर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
ओ मैया तू,
मेरे जीवन को हसीन और रंगीन कर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
ओ मैया सभी बच्चों को
शिक्षित करके, उसमें खुशियाँ भर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
वो धन दौलत क्या पायेगा,
जो उसमें तू न होगी ।
पाया हुआ भी वो सब खो देगा,
जो उसके संग न तू होगी ।।
गम के सारे बादल को,
तुम दुर कर दो माता ।
मैं हूँ तेरा बालक,
मुझको कुछ भी नहीं बुझाता ।।
कठिन जो पथ है मेरी माता,
उसको आसान तू कर दे ।
मेरे जीवन में ओ मैया,
खुशी के रंग तू भर दे ।।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।
कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 19/02/2021
समय – 01 : 09 ( रात्रि )
संपर्क – 9065388391