माँ वो देखो तिरंगा
मां वो देखो तिरंगा
माँ हमारे घर तिरंगा आया है
कितनी सज धज के साथ आया है
कच्ची मिट्टी के घर की शोभा बढ़ाया है
मेरा तो रोम रोम माँ हर्षाया है
खेत खलिहान पहाड़ नदी करके पार
गाँव की गली में पगडंडी से चल कर
मिलो का सफर तय करके आया है
सुना है शहर के दर्जी से दर्जनों सिलवाया है
केसर की क्यारी हो चाय के बागान
फूलों का बगीचा हो चाहे जंगल में मकान तिरंगा लहराया है तिरंगा लहराया है